लेखनी प्रतियोगिता -02-Oct-2022 धरती पर लो मां अवतार
शीर्षक-धरती पर लो मां अवतार
विषय-कालरात्रि
नवमी की सातवीं तिथि,
कहलाती है महा सप्तमी,
माता का स्वरूप कालरात्रि।
देती सबको शुभ फल वरदान,
शुभंकरी करी कहलाती माता,
कालरात्रि का है अवतार।
कालरात्रि के त्रिनेत्र,
कालरात्रि की ज्वाला में है तेज,
ब्रह्मांड की तरह होते विशाल गोल।
भूत प्रेत सब डर के भागे,
माता का जो यह रूप माने,
अकाल मृत्यु रोग शौक से मुक्ति पाएं।
माता ने किया रूप धरण,
रक्तबीज को किया भस्म,
शुंभ निशुंभ दानव का किया वध।
कालरात्रि लगती भयानक,
शरीर है मानो अंधकार,
श्वास से प्रकट करती आग।
मां के चतुर्थ हाथ,
एक हाथ में है तलवार,
करें मैया दुष्टों का संहार।
बीजे में होता लौह अस्त्र,
माता का है यह शस्त्र,
हाथ में विराजे खड़ग खप्पर।
तीजे हाथ में अभय मुद्रा,
चौथे हाथ में वर मुद्रा,
मेरी माता की करूं मैं वंदना।
घने खुले होते बाल,
गर्दभ है माता का वाहन,
माता का रूप है विकराल।
जो भी होते मां के उपासक,
विप्दाओ की ना होती आहट,
भक्त होते उनके साधक।
अग्नि भय, जल भय, शत्रु भय, रात्रि भय,
करती सभी से हमारा बचाव,
देती हमें मुक्ति प्रदान।
हो रहा है कलयुग का प्रसार,
धरती पर लो कालरात्रि मां अवतार,
बुराइयों का करो नाश,
बचाओ अपनी बेटियों की लाज,
हर मनुष्य बन बैठा है महिषासुर आज,
पथ में सिखाओ सबको सत मार्ग।
माता से है यही गुहार,
धरती पर रखो कदम आज,
करो दुष्टों का नाश।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Gunjan Kamal
05-Oct-2022 06:51 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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नंदिता राय
03-Oct-2022 09:49 PM
बेहतरीन
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Supriya Pathak
02-Oct-2022 10:35 PM
Bahut khoob 💐👍
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